दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के छात्रों ने आगामी सेमेस्टर परीक्षा की तिथियों को बढ़ाने की मांग की है, क्योंकि उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है। इस मुद्दे पर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष रोनक खत्री ने छात्रों के पक्ष में समर्थन दिया है और प्रशासन से परीक्षा तिथियाँ पुनः निर्धारित करने की अपील की है।
मामले का पृष्ठभूमि
छात्रों ने यह मुद्दा उठाया है कि आगामी सेमेस्टर परीक्षा के लिए समय कम है। कई छात्रों का कहना है कि उन्हें ऑनलाइन कक्षाओं और अन्य शैक्षणिक दबावों के कारण पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा, कुछ छात्रों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा है, जिससे उनकी पढ़ाई में विघ्न आया है। छात्रों का कहना है कि वे परीक्षा की तैयारी पूरी तरह से नहीं कर पा रहे हैं, और इसलिए परीक्षा की तिथियों में विस्तार किया जाए।
रोनक खत्री और DUSU की भूमिका
रोनक खत्री, जो कि वर्तमान में DUSU के अध्यक्ष हैं, ने छात्रों के समर्थन में पूरी तरह से अपनी आवाज उठाई है। 18 दिसंबर 2024 को, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से परीक्षा तिथियों पर पुनर्विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा, “हम समझते हैं कि छात्रों को विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, और हमें उनके शैक्षिक हितों की रक्षा करनी चाहिए। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हमें परीक्षा तिथियों में विस्तार की आवश्यकता है।”
रोनक खत्री का समर्थन छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्होंने छात्रों की मांग को विश्वविद्यालय प्रशासन तक पहुँचाने का काम किया। उन्होंने यह भी कहा कि DUSU छात्रों के पक्ष में खड़ा रहेगा और प्रशासन से मांग करेगा कि छात्रों को अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए उचित समय मिले।
छात्रों का समर्थन और प्रतिक्रिया
छात्रों ने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर अपनी आवाज उठाई है। छात्रों का कहना है कि उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए, खासकर तब जब वे ऑनलाइन कक्षाओं के साथ-साथ अन्य शैक्षिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। कई छात्रों ने ऑनलाइन याचिकाएँ शुरू की हैं और #DUExamExtension जैसे हैशटैग का इस्तेमाल कर अपनी मांग को जोर-शोर से उठाया है।
कई छात्र नेताओं और DU के पूर्व छात्रों ने भी इस आंदोलन में हिस्सा लिया है और कहा है कि छात्रों के मानसिक और शैक्षिक भले के लिए यह जरूरी है कि उन्हें उचित समय दिया जाए। एक छात्र नेता ने कहा, “यह सिर्फ शैक्षिक मामला नहीं है, छात्रों ने इस वर्ष बहुत सी व्यक्तिगत और भावनात्मक समस्याओं का सामना किया है। परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का एक उचित अवसर विश्वविद्यालय की प्राथमिकता होनी चाहिए।”
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आगे की योजना क्या है?
रोनक खत्री और DUSU के समर्थन से यह उम्मीद जताई जा रही है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेगा। प्रशासन छात्रों के प्रतिनिधियों और फैकल्टी के साथ बैठक आयोजित कर सकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परीक्षा तिथियाँ पुनः निर्धारित की जाएं या नहीं। हालांकि, अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
छात्रों के बीच बढ़ती हुई मांग और समर्थन को देखते हुए, यह संभावना है कि विश्वविद्यालय जल्द ही कोई सकारात्मक निर्णय ले सकता है। छात्रों की आशाएँ अब प्रशासन की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं, और आगामी दिनों में इस मामले का हल निकाला जा सकता है।